जिस भी दंपत्ति की पहले से एक या दो पुत्री है और वह पुत्र चाह रहे हैं तुम्हें इस उपाय को अपना सकते हैं .
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दोस्तों आप सभी एक्स क्रोमोसोम और वाई क्रोमोसोम की थ्योरी को जानते ही होंगे, लेकिन जो दर्शक नहीं जानते उन्हें थोड़ा सा समझा देते हैं क्योंकि इसी पर आगे हमारा लॉजिक आधारित है.
पुरुष में दो प्रकार के क्रोमोसोम होते हैं एक X और एक Y, और महिला के शरीर में केवल X क्रोमोसोम की होता है,
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महिला का X क्रोमोसोम + पुरुष के X क्रोमोसोम = लड़की (XX)
महिला का X क्रोमोसोम + पुरुष के Y क्रोमोसोम = लड़की (XY)
बस हमें यही कोशिश करनी है कि किसी तरह से पुरुष का Y क्रोमोसोम महिला के X क्रोमोसोम तक पहले पहुंचे. इस कार्य के लिए जो भी उत्तम से उत्तम माहौल हमें बनाना है ताकि पुत्र प्राप्त हो सके.
इसके लिए दो चीजों की आवश्यकता है,
Y क्रोमोसोम की अधिकता होनी चाहिए,
दूसरा X और Y क्रोमोसोम का नेचर हमें पता होना चाहिए.
वाई क्रोमोसोम में वृद्धि के लिए उसको एक तो टाइट कपड़े नहीं पहने हैं दूसरा तीखा और खट्टा खाना छोड़ना पड़ेगा 6 महीने पहले से ही तीसरा दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन अधिक करना होगा जैसे कि दही, मट्ठा, घी, पनीर और दूसरी चीजें
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पुरुषों के एक्स वाई क्रोमोसोम में एक्स क्रोमोसोम अधिक शक्तिशाली होता है लेकिन वहां गति में हल्का होता है उसकी चाल धीरे होती है वहीं वाई क्रोमोसोम कमजोर होता है विषम परिस्थितियों में कम समय तक जीवित रह पाता है लेकिन उसकी गति तेज होती है.
संतान प्राप्ति के लिए प्रयास करते समय सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला का ओवुलेशन पीरियड शुरू हो चुका हूं ओवुलेशन पीरियड मतलब महिला के गर्भ में अंडे निषेचन के लिए उपस्थित होने चाहिए ताकि गर्भ ठहर सकें.
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अगर ओवुलेशन पीरियड से पहले संबंध बनते हैं तो X और Y क्रोमोसोम को अंडाणु का इंतजार करना होगा ऐसी अवस्था में Y क्रोमोसोम अधिक समय तक जीवित नहीं रहता है क्योंकि महिला के शरीर में विषम परिस्थितियां होती है X क्रोमोसोम अधिक समय तक जीवित रह कर पुत्री प्राप्ति का कारण बनता है.
इसलिए ओवुलेशन पीरियड होना चाहिए यह पहली कंडीशन है.
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संतान की प्राप्ति के लिए प्रयास करते समय पुरुष को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि महिला पुरुष से पहले चरमोत्कर्ष पर पहले पहुंचे. इसके कई लाभ है. ज्यादा टेक्निकल बात ना करते रहे हम आपको साधारण भाषा में समझाने की कोशिश करते हैं.