प्रेगनेंसी में अगर महिला कार चलाती है, तो किन किन बातों की सावधानी रखना आवश्यक है. वैसे आपको बहुत से ऐसे लोग मिलेंगे जो कहेंगे कि हमने प्रेग्नेंसी में काफी कार चलाई है कोई दिक्कत नहीं आई , अरे कुछ प्रॉब्लम नहीं होती है.
दोस्तों हर महिला का शरीर और स्थिति एक जैसी नहीं होती है. हम भी यही चाहते हैं कि किसी के साथ कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए.
लेकिन सावधानी रखने में कोई भी परेशानी नहीं होती है. आपको कुछ बातों का पता होना चाहिए.
हम ऐसा कुछ नहीं बता रहे हैं कि जो आपको पहले से ना पता हो, लेकिन एक बार रिमाइंडर ले लेने में कोई बुराई नहीं होती है. आपको याद रहेगा. और यह भी हो सकता है कि कुछ बातें आपके लिए नई हो.
चर्चा शुरू करते हैं.
आजकल बहुत सारी महिलाएं घर से बाहर निकल कर कार्य करती हैं. ऐसे में उन्हें अपनी बिजनेस पर या नौकरी पर जाना होता है, और वह गाड़ियों का यूज करते हैं. प्रेग्नेंसी के समय कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो बहुत अच्छा रहेगा.
स्टीयरिंग व्हील से दूरी बनाकर क्यों रखें ?
महिला को अपनी ड्राइविंग सीट को इस तरह से एडजस्ट करना चाहिए, कि उसकी और स्टीयरिंग व्हील के बीच में कुछ दूरी रहे ताकि महिला के पेट पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं आए. ड्राइविंग करते समय अचानक से ब्रेक भी मारना पड़ सकता है, गड्ढे भी आते हैं तो इतना स्पेस अवश्य होना चाहिए कि आप आगे पीछे हो सके ताकि आप स्पीड को एडजस्ट कर सकें.
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गर्भवती स्त्री फैमिली को लोकेशन क्यों शेयर करें?
गर्भवती स्त्री को हमेशा अपनी लोकेशन अपने फैमिली को या अपने पार्टनर को बता कर रखनी चाहिए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वह आपको एक्सिस कर सकें. आप तक आसानी से पहुंच सकें. प्रेग्नेंसी के समय किसी भी प्रकार की इमरजेंसी कभी भी आ सकती है. अक्सर महिलाओं को चक्कर आने की समस्या देखने में आती है.
खराब मौसम में जाने से क्यों बचें ?
ड्राइविंग पर जाते समय महिला को मौसम का ध्यान भी अवश्य रखना चाहिए. महिला को खराब मौसम में जाने से बचना चाहिए. खराब मौसम का मतलब यह हां यह बिल्कुल भी नहीं है कि बरसात के मौसम की हम बात कर रहे हैं, हम बरसात के मौसम के साथ साथ सुबह कोहरे में भी ड्राइव करना सही नहीं होता है. और अत्यधिक गर्मी के समय भी ड्राइव करना ठीक नहीं होता है. गर्मी के समय तो गाड़ी में AC हो यह अत्यधिक आवश्यक है. वरना गाड़ी चलाते समय अचेतन की अवस्था सकती हैं अर्थात चक्कर आ सकता है.
सीट बेल्ट सीट बेल्ट का प्रयोग
हर एक महिला को ड्राइविंग करते समय सीट बेल्ट अवश्य लगानी चाहिए, और सीट बेल्ट लगाने में भी काफी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, सबसे पहले तो महिला को अपनी पोजीशन का ध्यान रखना चाहिए. इस तरह से बैठना चाहिए कि उसके पेट पर दबाव आए और साथ ही साथ इसके लिए महिला को गाड़ी की सीट को भी एडजस्ट करना चाहिए.
सीट बेल्ट को एब्डॉमिनल से नीचे होना चाहिए जबकि कंधो के बगल से गुजरने वाला सीट बेल्ट सीने के बीच निकालें.
महिला को अपनी ड्राइविंग सीट को इस तरह से एडजस्ट करना चाहिए कि उसकी और ड्राइविंग रेल के बीच में कुछ दूरी रहे ताकि महिला के पेट पर किसी भी प्रकार का दबाव में आए नहीं आए.
डिलीवरी डेट पर या उसके आसपास क्यों ड्राइव नहीं करें?
असल में डिलीवरी डेट कोई फिक्स डेट नहीं होती है 40 हफ्ते के बाद कभी भी बल्कि 39 हफ्ते के बाद कभी भी डिलीवरी हो सकती है, तो ऐसे में किसी भी वक्त डिलीवरी पेन शुरू हो सकते हैं, तो आपको ड्राइव करने से बचना चाहिए. अगर आप अकेले रहते हैं, तो आप पहले से ही एक ड्राइवर का इंतजाम या आस पड़ोस में किसी से बोलकर अवश्य रखें. मात्र 15 से 20 दिन की बात है.
लॉन्ग ड्राइव पर क्यों नहीं जाए ?
गर्भवती स्त्री को हर डॉक्टर यह बताता है कि उसे कभी भी एक ही स्थिति में नहीं रहना है. उसे अपनी पोजीशन को चेंज करते रहना काफी आवश्यक होता है. इससे शरीर में ब्लड का सरकुलेशन प्रॉपर बना रहता है. और लॉन्ग ड्राइव पर अगर आप जाएंगे तो आपको एक ही स्थिति में काफी समय तक रहना पड़ सकता है, तो यह कभी-कभी नुकसान दे जाता है.
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खराब रास्तों से क्यों बचे?
प्रेग्नेंसी के समय महिला को खराब रास्तों से बचना चाहिए अगर उन्हें थोड़ा लंबा रास्ता अपनाना पड़े तो परहेज नहीं करना चाहिए क्योंकि खराब रास्तों में जो झटके लगते हैं उनसे महिला को दर्द हो सकता है.
कमर के पीछे सपोर्ट क्यों लगाएं
अक्सर प्रेग्नेंसी के समय महिला को पीठ दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है. ड्राइविंग करते समय अपनी पीठ पर सपोर्ट अवश्य लगाएं . अगर गर्भवती स्त्री को पीठ दर्द की समस्या नहीं है तब भी उसे सपोर्ट अवश्य लगाना चाहिए. आगे चलकर पीठ दर्द की समस्या नहीं होगी.
और भी दूसरी बातों का ध्यान रखें जो कि सभी ड्राइंग करने वाले लोगों को रखना चाहिए जैसे कि
- ड्राइव करते समय फोन पर बात ना करें
- ड्राइव करते समय भोजन ना करें
- ड्राइव करते समय अपना ध्यान ड्राइविंग पर ही रखें इधर उधर की बातें ना सोचे
- आपको हमेशा रेड लाइट जंप करने से बचना है
- कभी भी शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाएं
- गाड़ी की स्पीड को कांस्टेंट रखें