नवजात बच्चे को सुलाने की 8 टिप्स | छोटे बच्चे को सुलाने के टिप्स

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अब आप एक माता है प्रेग्नेंसी के समय जितने भी चैलेंज थे उन्हें आपने बहुत ही निपुणता के साथ पूर्ण किया. इसके फलस्वरूप एक प्यारा सा नवजात शिशु आपकी गोद में है। अभी यहां पर दूसरा उससे भी बड़ा चैलेंज यह आता है कि अपने सभी दैनिक कार्यों की पूर्ति करते हुए बच्चे के अनुसार उसकी दिनचर्या में ढल जाना, यह बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य होता है।

नवजात शिशु के साथ सबसे बड़ी समस्या यही होती है कि वह दिन और रात के अंतर को नहीं समझ पाता है और उसके सोने और जागने का समय बिल्कुल भी निर्धारित नहीं होता। ऐसे में अगर माता-पिता छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो धीरे-धीरे वह बच्चे के सोने और जागने के समय को निर्धारित करने की कोशिश कर सकते हैं।

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पहले 3 महीने बच्चे को किसी भी प्रकार की आदत डालने के लिए कोशिश नहीं करनी चाहिए। आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें। एक प्रकार से हम बच्चों की नींद के घरेलू नुस्खे को लेकर बात कर रहे हैं।

यह ज़रूरी है कि आप जीवन के शुरुआती चरण में शिशुओं के लिए सोने की अच्छी दिनचर्या की आदत डालें। लोरी, कहानियों और चुंबन के साथ सोने की परंपरा माता–पिता और बच्चे के बीच एक मज़बूत संबंध स्थापित करेगी।

  • बच्चा कब खेलना या सोना चाहता है, यह समझने के लिए संकेतों पर ध्यान दें। यदि उनके सोने का समय होने वाला है, तो उन्हें न उकसायें या उन्हें सतर्क और सक्रिय रखने की कोशिश न करें।
  • बच्चे को सुलाने से पहले दूध पिला दें ताकि उसे दूध पिलाने के लिए रात में बार–बार उठना न पड़े।
  • उन्हें किसी खाट या बिस्तर में आराम से सुलाने से पहले उन्हें थोड़ी देर के लिए पालने में या अपनी बाहों में हिलायें। हथेली को गोल कर उन्हें धीरे–धीरे थपथपाना भी उन्हें शांत करने में मदद कर सकता है।
  • आप चाहें तो गुनगुनाते या गाते रहें या नींद लाने के लिए कोई आरामदायक संगीत बजायें।
  • महिला को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जब उनका बच्चा होता है तो उस वक्त में भी अवश्य आराम करना चाहिए हालांकि इससे उनके दैनिक जीवन में पारिवारिक कार्य को लेकर व्यवधान उत्पन्न होगा, लेकिन यह घर के दूसरे सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वह इसमें आपकी मदद करें क्योंकि अगर माता ही स्वस्थ नहीं रहेगी तो बच्चे की देखभाल कैसे हो होगी।

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बच्चे को जल्दी सुलाने के लिए अन्य नींद की युक्तियाँ

अब आपका बच्चा 3 महीने का हो चुका है। आपसे धीरे उसकी आदतों से परिचित होने लगे हैं। उसे क्या पसंद है, क्या पसंद नहीं है, किस प्रकार से वह ज्यादा सफलता है, और किस बात को वह सबसे कम पसंद करता है। अच्छा किस प्रकार से सोता है आप यह भी जान चुके होंगे।

अपने बच्चे के लिए सोने का एक अच्छा समय निर्धारित कर लेने के बाद, ये कुछ और बातें जो बच्चे को आराम से सुलाने में सहायक हो सकती हैं।

  • पहले कुछ हफ्तों में, बच्चों को बार–बार झपकी लेने दें। उनके लिए पर्याप्त सोना जरूरी है। शिशुओं के लिए सोने की दिनचर्या का मतलब होता है, बस पूरे दिन सोना।
  •  उन्हें रात और दिन का अंतर सिखाएं। बच्चे को यह समझ में आना चाहिए कि जब अंधेरा होता है, तो वह सोने का समय होता है और जब उजाला होता है, तो खेलने और दूध पीने का समय होता है। इसी के अनुसार आप अपने बच्चे का झपकियाँ लेने का समय तय कर सकते हैं।
  • उन्हें अपने–आप सोना सीखने में मदद करें। बच्चे के सोने की एक अच्छी समय–सारणी एक दिनचर्या निर्धारित करने में आपकी और आपके बच्चे की मदद करेगी। जैसे–जैसे आपका शिशु बड़ा होगा, उसके सोने के समय बदल जायेंगे। एक 2 महीने के बच्चे की सोने की समय–सारणी एक नवजात शिशु की तुलना में अधिक व्यवस्थित होगी।

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